3 views
जीवन
नींद ए मकान हमें मिला नहीं
साथ सब थे पर अपना कोई मिला नहीं
अपनों को अपनों से भी प्यारा रखा
और गैरों को भी अपनों की तरह रखा
धोखा दिया जिसने हमने उससे भी कोई गिला रखा नहीं
मोहब्बत चाहे बच्चे की हो या जवान की
ऐसी किसी की नहीं है मोहब्बत जिसमें किसी की कोई मंशा नहीं
तो छोडो खामियां ढुंढना दूसरो की
वो तुम्हारा था ही नही जो तुम्हें मिला नही।।
© RAHUL PANGHAL
साथ सब थे पर अपना कोई मिला नहीं
अपनों को अपनों से भी प्यारा रखा
और गैरों को भी अपनों की तरह रखा
धोखा दिया जिसने हमने उससे भी कोई गिला रखा नहीं
मोहब्बत चाहे बच्चे की हो या जवान की
ऐसी किसी की नहीं है मोहब्बत जिसमें किसी की कोई मंशा नहीं
तो छोडो खामियां ढुंढना दूसरो की
वो तुम्हारा था ही नही जो तुम्हें मिला नही।।
© RAHUL PANGHAL
Related Stories
28 Likes
2
Comments
28 Likes
2
Comments