...

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जिंदगी तमाशा है
जिंदगी है कि तमाशा,
करती है ये इतना कन्फ्यूज,
कि कुछ समझ में नहीं आता,
समझ नहीं आता कि,
जीने के लिए कमाएँ,
या कमाने के लिए जिएँ,
समझ नहीं आता कि,
अपने लिए जी रहे हैं,
या दूसरों के लिए,
जिंदगी हमारी है,
हँसते दूसरों के वजह हैं,
रोते दूसरों के वजह से हैं,
पीते दूसरों के वजह से हैं,
दिमाग है अपना उसमें,
विचार हैं दूसरों के,
जिंदगी तमाशा इसीलिए है,
क्योंकि हमने अपनी जिंदगी,
दूसरों के हवाले कर दी है।
#motivational poem@SUNAI2735