आसमां ये तो बता दें जरा!
आसमां ये तो बता दें जरा,
गैर वो हो गई या हम हो गए।
हम सफर में दूर तो वो हो रही थी,
गैर क्यूं समझा हमको पहले हरे थे , अब मुरझा गए।।
प्यासे दिल उसके तड़प रहा था,
वो दूसरों से मोहब्बत कर बैठी।
इल्जाम हम पर लगाया, वो बेरहम दोस्ती,
वो हमसे बगावत में यूं ही सक कर बैठी।।
हालात ऐसे भी थे, वो हमें हर कदम पर नफरत करती रही।
छोटी- छोटी बातों में वो गुस्सा करती...
गैर वो हो गई या हम हो गए।
हम सफर में दूर तो वो हो रही थी,
गैर क्यूं समझा हमको पहले हरे थे , अब मुरझा गए।।
प्यासे दिल उसके तड़प रहा था,
वो दूसरों से मोहब्बत कर बैठी।
इल्जाम हम पर लगाया, वो बेरहम दोस्ती,
वो हमसे बगावत में यूं ही सक कर बैठी।।
हालात ऐसे भी थे, वो हमें हर कदम पर नफरत करती रही।
छोटी- छोटी बातों में वो गुस्सा करती...