जी करता है...
जी करता है कभी कभी
चीखू जोर जोर से
चिल्लाऊ... रोऊ जार जार
या चुपचाप अकेली निहारू
आसमान को..उड़ते बदलो को
महसूस करु आंखे बंद करके
हवा को अपने बदन...
चीखू जोर जोर से
चिल्लाऊ... रोऊ जार जार
या चुपचाप अकेली निहारू
आसमान को..उड़ते बदलो को
महसूस करु आंखे बंद करके
हवा को अपने बदन...