...

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मैं इंतजार कर रही हूं।
#इंतज़ार

अपने दरवाज़े की खिड़की पर बैठे
तुम्हारा #इंतजार कर रही हूं
जहां तुम मुझसे प्यार की गुफ्तगू करते थे
मुझे प्यार से नजर भर के देखा करते थे
ओर तुम्हारी दीवानगी में मुझे पागल बना दिया करते थे।
तुम्हारे दीदार का इंतजार अब भी कर रही हूं
मैं अब भी इंतजार कर रही हु
तुमसे गुफ्तगू का ,प्यार भरी नजर का ,पागल होने का

तुम्हारा इंतजार करती हूं
क्योंकि तुम मुझ से कह कर गए थे
के तुम वापस आवोगे और मेरे दिल में बस जावोगे
क्यू की मेरे पास मेरी उम्र भर की कमाई सिर्फ
तुम्हारी मोहब्बत थी।
और मैंने इस के अलावा खुदा से कुछ मांगा भी नही था।
तुम थे तो आस थी
तुम नही तो में नही और मेरी आस भी नहीं।
में अब भी इंतजार कर रही हूं
तुम्हारे मेरे दिल में वापस बसने का, तुम्हे फिर से अपना बनाने का

मैं जब अपनी पलके शर्म से शर्मा कर उठाया करती थी ,
तो तुम्हे उन्हें देख कर मुझ पर और भी प्यार आ जाया करता था
इन उठती पलको ने ही तो हमें अजनबी से दो प्यार करने वालो में बदला था।
में इंतजार कर रही हूं वापस से अपनी पलके प्यार से शर्मा कर उपर उठाने का

मेरी बेरंग सी पड़ी दूनियां में तुमने ही तो प्यार के रंग भरे थे
मेरे अकेलेपन को भर कर तुमने ही तो मेरा साथ दिया था
आंखे बंद करते ही अंधेरे की जगह मुझे तुम्हारा दीदार हो जाया करता था
सोती थी तो सपने में तुम मेरे साथ होते थे
में इंतजार कर रही हूं
वापस से प्यार के रंगों का , अकेलेपन को भरने का ,तुम्हारे दीदार का ,फिर से सोकर सपने देखने का।

तुम्हारी मोहब्बत में मेरा दिल भी लूट गया था
मैने अपने दिल को तुम्हारे आगे हार बैठा था
मेरी सारी मन्नते तुम्हारे आने से पूरी हो है थी
मैं भी फिर प्यार के गीत गाने लगी थी
मैं इंतजार कर रही हूं
फिर से दिल को लुटाने का ,दिल को हार बैठने का ,मन्नते पूरी होने का ,प्यार के गीत गाने का।

हम तुम पर मर मिटे थे
तुमसे प्यार कर बैठे थे
मोहब्बत की दुआ लेते
और तुम्हारे हो बैठे थे
मैं #इंतजार कर रही हूं
फिर से मर मिटने का ,प्यार करने का , मोहब्बत की दुआ लेकर तुम्हारे होने का।

बस अब इंतजार ही कर रही हूं के या तो तुम कब्र से बाहर आकर मेरे हो जावो
या मैं मेरी जान से बेवफाई कर के तुम्हारे पास आ जाऊ



Self written
Theme- open nazam
#इंतजार
© sahib_wri8s