...

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दौड़
जिंदगी की दौड़ में
दौड़ना भूल गए
उड़ने की ख्वाहिशें लिए
चलना भूल गए ।

थक जाते हैं अब
कदम दो कदम चलते ही
किसको फिकर अपने हाल - ए - दिल की
सहेजते मुर्दा चीजों को
खुद को सहेजना भूल गए ।

जिंदगी की दौड़ में
अब दौड़ना भूल गए
उड़ने की ख्वाहिशें लिए
चलना भूल गए ।

रातें कटती अब हिसाबों में
समीकरण सारे बदल गए
देखी नहीं लालिमा भोर की अरसे से
गीत चहचहाहट के सारे बदल गए ।


जिंदगी की दौड़ में
अब दौड़ना भूल गए
उड़ने की ख्वाहिशें लिए
चलना भूल गए ।
© राजू दत्ता