लिखे एहसास,कागज़ की अलग ही है बात
कागज़ पर लिखा स्यायही की कलम से,
हर शब्द उस लम्हे का गवाह होता है,
जो जज्बात कभी लिखे गए थे,
वही उस समय दिल में थे,
मिटा नहीं सकता , मुकर नहीं...
हर शब्द उस लम्हे का गवाह होता है,
जो जज्बात कभी लिखे गए थे,
वही उस समय दिल में थे,
मिटा नहीं सकता , मुकर नहीं...