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"सहारा"
न मैं हूँ किसी का न कोई हमारा..!
हमें तो है बस उसी का सहारा...!!
उसी ने है पाला, उसी ने है पोसा...!
लाकर हमें इस गली में है छोड़ा..!
मेरा बिगड़ा जीवन उसी ने बनाया..!!
न मैं हूँ किसी का न कोई हमारा..!
हमें तो है बस उसी का सहारा...!!
पड़ा जब संकट तभी हाथ जोड़ा...!
जीवन में कभी भी नहीं साथ छोड़ा...!
मुझे अंधेरों में चलना सिखाया...!!
न मैं हूँ किसी का न कोई हमारा..!
हमें तो है बस उसी का सहारा...!!
© आनन्द
हमें तो है बस उसी का सहारा...!!
उसी ने है पाला, उसी ने है पोसा...!
लाकर हमें इस गली में है छोड़ा..!
मेरा बिगड़ा जीवन उसी ने बनाया..!!
न मैं हूँ किसी का न कोई हमारा..!
हमें तो है बस उसी का सहारा...!!
पड़ा जब संकट तभी हाथ जोड़ा...!
जीवन में कभी भी नहीं साथ छोड़ा...!
मुझे अंधेरों में चलना सिखाया...!!
न मैं हूँ किसी का न कोई हमारा..!
हमें तो है बस उसी का सहारा...!!
© आनन्द
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