...

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मुक्कमल
इबादत कर रहे तारे , कभी मुलाकात मुक्कमल हो।
शमा भी जल रही ऐसे, तेरा दीदार मुक्कमल हो । तेरे चेहरे पर उलझे मेरे,वो ख्याल मुक्कमल हो।
अधुरे रहे भले इस पार,मगर उस पार मुक्कमल हो।
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