...

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एक हंसी ख़्वाब
सुरमई शाम हो
शरारती हवाओं का कोई पैगाम हो
हमसफर साथ हो, हाथों में हाथ हो
आसमा में चमकता पूनम का चांद हो
साथ में टिमटिमाते तारों की बारात हो
बज रहा कोई मनमोहक संगीत हो
साथ में कदम से कदम मिलाकर चल रहा मनमीत हो
बस ऐसी कभी तुमसे मुलाकात हो
मुकम्मल मेरा ये हसीं ख़्वाब हो
© Poetry Girl