...

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ओ माँ !
जब तेरे कदमों में चढ़ाऊं मैं शीश अपना,
ओ माँ! प्यार से देना मुझे तुम आशीष अपना।

तेरी गोद में पला-बढ़ा, तेरी बांहों में सोया हूँ,
तुझ पर होते ज़ुल्म देखकर, हर पल माँ मैं रोया हूं ,
तू जननी है हमसब की, तू हमारी मातृभूमि है,...