ऐ जिंदगी
ऐ जिंदगी अब तू और कितना जीना सिखाएगी
अभी अभी तो समझदारी की दहलीज पर कदम रखा हैं ।
और तू अभी से ही मुझे वापस रास्ते से मुड़ना सिखा रही हैं
अभी तो मैने सिर्फ "जंग -ऐ -ऐलान" किया हैं
और ये कहते ही तू मुझे पीछे कदम खींचना सिखा रही हैं ।
ऐ जिंदगी अब तू और कितना जीना सिखाएगी
अभी अभी तो समझदारी की दहलीज पर कदम रखा हैं ।
तूने ही कहा हैं वक्त सारे...
अभी अभी तो समझदारी की दहलीज पर कदम रखा हैं ।
और तू अभी से ही मुझे वापस रास्ते से मुड़ना सिखा रही हैं
अभी तो मैने सिर्फ "जंग -ऐ -ऐलान" किया हैं
और ये कहते ही तू मुझे पीछे कदम खींचना सिखा रही हैं ।
ऐ जिंदगी अब तू और कितना जीना सिखाएगी
अभी अभी तो समझदारी की दहलीज पर कदम रखा हैं ।
तूने ही कहा हैं वक्त सारे...