...

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कहीं ये इश्क़ तो नहीं
कुछ तो बात है उनमें
वरना ये दिल किसी पे
आता नहीं है
मुलाकातें उनसे नहीं होती
पर ख्वाबों से मेरे वो जाता नहीं है
ख़ुद को आईने में देखते हैं
तो वो नज़र आता है
बेकरारी बढ़ती जा रही है
उनके दीदार को जी चाहता है
इश्क़ सा है ये एहसास
कहीं इश्क़ ही तो नहीं
मेरे साथ उनकी तस्वीर है
पर अफ़सोस वो नहीं
नैन जगमगा उठते हैं
उनका नाम सुनकर
दिल सवाल कर बैठता है कभी
क्या ख़ुदा ने मेरे लिए ही
उसे भेजा है बनाके हमसफ़र
वैसे इंतेज़ार भी
मोहब्बत की एक परीक्षा है
महसूस होता है जैसे मेरा
उनसे बेहद गहरा रिश्ता है
इश्क़ सा है ये एहसास
कहीं इश्क़ तो नहीं
मेरे साथ उनकी तस्वीर है
पर अफ़सोस वो नहीं
मुलाक़ात कभी होगी अगर
तो सुनाएंगे उन्हें दिल का हाल सारा
उनके लफ़्ज़ों ने ही
है मेरे मायूस दिल को सवारा
उनके दुख़ मुझे अपने लगते हैं
और ख़ुश होने से उनके
मेरी रूह मुस्कुरा देती है
जब भी करते हैं सजदा ख़ुदा का
उनकी सलामती के लिए
मेरे लबों पे दुआ हमेशा रहती है
इश्क़ सा है ये एहसास
कहीं इश्क़ ही तो नहीं
मेरे साथ उनकी तस्वीर है
पर अफ़सोस वो नहीं

© rõõh