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हमारी मंज़िल, हमारा रास्ता
हमारी मंज़िल, हमारा रास्ता
दोनों एक हीं तो हैं
दोनों अलग अलग दिखते हैं
लेकिन जिस दिन मिलेंगे एक हो जायेंगे
मंजिल मेरी तुम हो और
रास्ता मेरे हृदय का निश्चल भाव है
इसी भाव के रास्ते से चलकर
तुम जैसी मंजिल में जा समाना है
मंजिल और रास्ते का अन्तर
बस ऐसे हीं चलकर मिटाना है
© आनन्द