एहसास
हर दर्द की कोई किमत नही होती l
किसी खास की आहट से वजह नासिब नही होती l
ए बिखरी हुई उलझन
सुना कर दिल की कभी कभी धडकन
हर झूठ की कशिश इश्तिहार नही होती
किसी बेईमान की इमानदारी ऐतबार नही होती ll1ll
हर बात होठो की जुबां पर लाई नही जाती
पर्वरीश की अच्छाई...
किसी खास की आहट से वजह नासिब नही होती l
ए बिखरी हुई उलझन
सुना कर दिल की कभी कभी धडकन
हर झूठ की कशिश इश्तिहार नही होती
किसी बेईमान की इमानदारी ऐतबार नही होती ll1ll
हर बात होठो की जुबां पर लाई नही जाती
पर्वरीश की अच्छाई...