क्या कहूं मैं क्या सुनाऊं
पल दो पाल में खुश होता हूं
पल दो पाल में उदास होता हूं
क्या कहूं में क्या बताऊं
जब में खुद समझ नहीं पाता हूं
दिखता हूं मैं खुश मगर
उदासी अपनी छुपाता हूं
शायद इसी तरह में अपने आप को
दूसरो से बचाता हूं
करता रहता हूं काम...
पल दो पाल में उदास होता हूं
क्या कहूं में क्या बताऊं
जब में खुद समझ नहीं पाता हूं
दिखता हूं मैं खुश मगर
उदासी अपनी छुपाता हूं
शायद इसी तरह में अपने आप को
दूसरो से बचाता हूं
करता रहता हूं काम...