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कुछ यादें वं बातें पिता जी की

© pinka
कुछ यादें वं बातें पिता जी -
वो डैडी है मेरे इस बात पर मुझे अभिमान है,
मैं एक हिस्सा जिन्दा हूं उनका अब यही मेरी पहचान है।
हमारी खातिर खूब कमाया और दिया बहुत बलिदान है,
कम पढ़े पर मेहनत की,और जो हैसियत पाई, देखकर उसे सब लोग हैरान हैं।
अक्सर कहते भी थे हमसे, कि तुम ही खुशियाँ मेरी तुमसे ही मेरा जहान है।
ईमानदारी,दया भाव और प्यार का सागर महान है,
अगर हो यह सब झूठ तो इसमें मेरा नुकसान है, क्योंकि हर बात का गवाह तो खुद नीले आसमान वाला वह भगवान है,
नीले आसमान वाला वह भगवान है।
जो कहते थे भाई हैं हम और अंदर से थे स्वार्थी, कहां गए वह इंसान?
हर चेहरे के पीछे, अब पता चला है...