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मेरी प्रेम कहानी 😘
सुनहरी सुबह से हुई दिन की शुरुआत
दोपहर की मस्ती, साँझ का असीम प्यार

अल्हड़ सी बातें उनमें करने लगे शरारतें
खोकर तुम्हारी आग़ोश में महक रहा तन

खूबसूरती चाँद की भी शरमाने लगी
जब सजनी मेरी अंगड़ाइयां लेने लगी

शोर मचाती चाँदनी, टिमटिमाते जुगनू
उसमे भवरों का धीरे से गुनगुनाना
सामने हो दिलबर तो फिर कैसा शरमाना

सुनहरी सुबह से हुई दिन की शुरुआत
दोपहर की मस्ती, साँझ का असीम प्यार

सर्वस्व पंडिताइन जी को समर्पित 😘
© उन्मुक्क्त अनूप