विश्वास
विश्वास वो बीज हैं जिससे
रिश्तों का पौधा पनपता हैं
ये वो नींव हैं जिसपे
रिश्तों का घर बनता हैं
बिना विश्वास के जो रिश्ते चलते हैं
वहां प्यार के नही व्यापार के महल बनते हैं
साथ साथ चल के भी एक नही होते
वो हमसफर नही अपनी अपनी राहों के मुसाफिर बनते हैं
इन रिश्तों में कोई मजबूती होती नही
कागज़ के फूलों के तरह दिखते हैं खुशबू होती नही
#wrticopoem #WritcoQuote #poem #poetrycommunity
रिश्तों का पौधा पनपता हैं
ये वो नींव हैं जिसपे
रिश्तों का घर बनता हैं
बिना विश्वास के जो रिश्ते चलते हैं
वहां प्यार के नही व्यापार के महल बनते हैं
साथ साथ चल के भी एक नही होते
वो हमसफर नही अपनी अपनी राहों के मुसाफिर बनते हैं
इन रिश्तों में कोई मजबूती होती नही
कागज़ के फूलों के तरह दिखते हैं खुशबू होती नही
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