मेरी जिंदगी
#WritcoPoemChallenge
मेरी आंखों में जो सपने हैं, उसे सच करना है,
भाग्य से समझौता नहीं, उससे लड़ना है।
तकदीर रूठ जाए तो क्या, परंतु हम रुकने वाले नहीं,
हालात कितना भी गंभीर हो, परंतु घुटने टेकने वाले हम नहीं।
दो वक्त की रोटी के लिए, कभी सोचा नहीं करते हैं,
हमें तो वह मंजिल फतेह करना है, जिसे पाने के लिए लोग मरते हैं।
कभी अपने...
मेरी आंखों में जो सपने हैं, उसे सच करना है,
भाग्य से समझौता नहीं, उससे लड़ना है।
तकदीर रूठ जाए तो क्या, परंतु हम रुकने वाले नहीं,
हालात कितना भी गंभीर हो, परंतु घुटने टेकने वाले हम नहीं।
दो वक्त की रोटी के लिए, कभी सोचा नहीं करते हैं,
हमें तो वह मंजिल फतेह करना है, जिसे पाने के लिए लोग मरते हैं।
कभी अपने...