बडे अच्छे लगते हैं
बडे अच्छे लगते हैं
ये मीठी उलझनें
ये इन्तजार की घड़ियाँ
ये अनजानी सी हँसी
और,,,,
और तुम ,,,,,,,
बडे अच्छे लगते हैं,,,,,,,
1) एक खामोशी है
यहाँ बीच हमारे
एक खामोशी है
अम्बर के चाँद तारों में
सच कह दूं तो ,आज फिर से...
ये मीठी उलझनें
ये इन्तजार की घड़ियाँ
ये अनजानी सी हँसी
और,,,,
और तुम ,,,,,,,
बडे अच्छे लगते हैं,,,,,,,
1) एक खामोशी है
यहाँ बीच हमारे
एक खामोशी है
अम्बर के चाँद तारों में
सच कह दूं तो ,आज फिर से...