...

2 views

दीवानगी
मेरी दीवानगी तेरी आदत बना गई ...
छोडू तो छूटे ना ऐसी कसमें दिला गई ...
तेरी आदत ने भी दिल - ए- हाल ऐसा मजबूर किया ..
तूने छोड़ना चाहा ,मेरे जिस्म में से जान निकलती गई ...
मेरी दीवानगी मुझे कसमें दिला रही थी ,
रोऊ तो साथ तेरे और हसू तो बाद तेरे ...
कभी -कभी गम -ए -हाल और हाल -ए-हाल भी ऐसा मशहूर किया तूने ...
जिस्म से जान निकलती रही पर देह में विषमता तक नही आई ...
दीवानगी ऐसी की अब बस सब तू ही तू...
और आदत ऐसी की कभी छोडू तो भी छूटे ना ...
तूने भी गौरों की तरह एहसास दिलाया...
उम्मीद किसी से रखी नही जाती और अपना किसी को बनाया नही जाता ...।


-sanju mei 🖤