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भाषा की पकार

भाषा की है यही पुकार, उसको जाने सारा संसार ।
जन-जन की अभिव्यक्ति का आधार, भाषा में बसा, हर ग्रंथ का सार ।
संस्कारों की अमूल्य निधि की गागर, भाषा में ही बहता ज्ञान का सागर ।
देश ने किया भाषा को स्वीकार, भाषा के प्रति प्रकट किया आभार ।
आओ मिलकर करें भाषा का सत्कार, एक बार नहीं, करें बार-बार ।
हर क्षेत्र, हर परिवेश में, सहर्ष करें भाषा को स्वीकार ।
यही है संकल्प शिक्षा का, हिन्दी भाषा बने उन्नति का आधार ।
© 🄷 𝓭𝓪𝓵𝓼𝓪𝓷𝓲𝔂𝓪