...

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मन... ❤️
मन
कभी चंचल है, कभी ज्वाला
कभी शांत है, कभी सरगम
मन
कभी सब सह जाता है ,
कभी विचलित हो जाता है।
मन
कभी सारे गम जी जाता है
कभी टूट के बिखर जाता है।
मन
कभी प्यार से भर जाता है,
कभी खालीपन में खो जाता है।
मन
कभी खुल के जी लेता हैं,
कभी सबसे मुकर जाता है।
मन
कभी सब समझ जाता है,
और कभी नासमझ बन जाता है।
मन
कभी हिम्मत से भर जाता हैं
कभी थक के हार जाता है।
मन
मन की बात तो बस मन ही बता पाता है,
कभी शब्दों मे बयां तो कभी खामोश रह जाता है।।