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दिल से भुला जइह...By:- Sagar Sir (Bettiah)_My first bhojpuri poem_The Sagar's Poetry collection_मेरी पहली भोजपुरी कविता।सागर सर(बेतिया)
"सागर सर (बेतिया) की प्रस्तुति"

ह हमरा जिनगी से साँसवा से तू आपन ससुरा बना जइह..
ह हमरा जिनगी से साँसवा से तू आपन ससुरा बना जइह..।
की अब त जा तारु ससुरा ये जान तू हमके दिल से भुला जइह..
की अब होता ते शादी ये जान तू हमके दिल से भुला जइह..।

ह हमार दिलवा के खुनवा के तू आपन महावर बना जइह..
ह हमार दिलवा के खुनवा के तू आपन महावर बना जइह..।
की अब त जा तारु ससुरा ये जान तू हमके दिल से भुला जइह..
की अब होता ते शादी ये जान तू हमके दिल से भुला जइह..।

ह हमार अर्थी के फुलवा से आ बाँसवा से तू आपन माड़ो सजा जइह..
ह हमार अर्थी के फुलवा से आ बाँसवा से तू आपन माड़ो सजा जइह..।
की अब त जा तारु ससुरा ये जान तू हमके दिल से भुला जइह..
की अब होता ते शादी ये जान तू हमके दिल से भुला जइह..।


ह हमरा लोरवा से ये जान तू अपन वरमाला बना जइह...।
ह हमरा लोरवा से ये...