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हद से गुज़र गया कोई.......
मरे हुए जज़्बातों को
फिर एक बार कत्तल कर गया कोई
जैसे जिस्म से मेरी रूह को
अलग कर गया कोई
इल्जाम तो पहले ही बहुत थे सिर हमारे
अब ये फिर से एक गुनाह मेरे नाम कर गया कोई
किसी को खबर तलक ना हुई हमारे हाल की
और यहाँ है कि हद से गुजर गया कोई
Badjubaan katib
@jazbaat
फिर एक बार कत्तल कर गया कोई
जैसे जिस्म से मेरी रूह को
अलग कर गया कोई
इल्जाम तो पहले ही बहुत थे सिर हमारे
अब ये फिर से एक गुनाह मेरे नाम कर गया कोई
किसी को खबर तलक ना हुई हमारे हाल की
और यहाँ है कि हद से गुजर गया कोई
Badjubaan katib
@jazbaat
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