...

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रूहदारी
तुझ ने प्यार कुछ ऐसा जताया,
बिन कुछ आस रख के दिल लगाना सिखाया ।
तेरी उन इशारों से तूने भरोसा कुछ ऐसा किया ,
ये राज ए दिल को बिना शक के जीना सिखाया ।
प्यार करने का मकसद तो नहिं था तेरे से ,
पर तुझसे दिल ना कैसे जुडे समझा दे ना ।
तुझसे मिलने के बात अब ऐसा लगने लगा ,
क्या सच मे दिल लगाना इतना मुश्किल था ।
सपने और ख्वाहिश की बात तो खैर छोड़ ,
तेरे साथ हकीकत भी हसीन लगने लगा ।
कितने तक हमरा एक राह रहेगा मे जानू ना ,
पर ये पता हे सफर तेरे साथ हसीन रहेगा ।
तेरे साथ दिल को सुकून का एहसास आता है ,
बिन लफ़्ज़ों के आदतों से प्यार पता चलता है ।
तेरे से बिन कोइ शक के दिल को ऐतबार हुआ ,
बस दूर से कुछ पल के लिए दीदार ही नहिं ।
नजदीकियों से तेरे हर एक पहले से प्यार हुआ ,
तूने ऐसे रिश्ते की डोरी जोड़ा रूह से साथिया ,
अनजानों से धीरे धीरे रूहदारी में तबदील हुआ।

© Swagat Panda