...

8 views

सूरत खूबसूरत
देखने वालों की आंखों में कहां
उतारने वाले दिल ने पूछा है

सूरत खूबसूरत मुझसे कहती है
क्या तुमने मोहब्बत को देखा है ।


खूबसूरती शरीर की कुछ साल
की मोहताज है
मन से बहन प्यार का कागज
की तरह पानी में घुल जाएगा

सूरत खूबसूरत के दीवाने कितने महफिल में नशा उनका भी उतर जाएगा

जवानी का सूरज जो उफान पे चढ़ा है
शाम तक उतर जाएगा

सूरत खूबसूरत

झूठे हो तुम मक्कारी
का नमक खाते हो

भंवरी की नकल क्या
अदाकारी से निभाते हो

कभी इस फूल तो कभी
उस फूल पर मंडराते हो


सूरत खूबसूरत

मन में उलझन के सितारे
गर्दिश में भीड़ जमाई है

बेदाग चांद के दीदार को

रात उतावली बैठी है
सुबह के इंतजार को

दोनों ही मोहब्बत में कुछ
तो कमी थी

ना चांद कभी बेदाग निकला।
ना रात का इंतजार मुकम्मल हुआ।

सूरत खूबसूरत

प्यार आंखों के धोखे से बढ़कर
कुछ और नहीं इस दुनिया में

जो आज है और कल ओझल हो जाएगा

प्यार तो सुदामा और कृष्णा का सच्चा था जो मुट्ठी भर चावल का ऋण अपने आंसुओं से पैर धोकर चुकाया था


सूरत खूबसूरत के दीवानों का प्यार
शरीर पे शुरू होकर
शरीर पे खत्म है, हो जाता


देखने वालों की आंखों में कहा
उतारने वाले दिल ने पूछा है

सूरत खूबसूरत मुझसे कहती है
क्या तुमने मोहब्बत को देखा है ।

© abgi_rag poetries




#shayri #love #philosophy #shortshayri #inspiration
#selfhelp #motivation #poetry #hindiquotes #loveshayri