...

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तू भी मुझसे परेशान हुई है
आज फिर इन्तज़ार मे शाम हुई है
ये जिन्दगी तेरी चाहत मे गुमनाम हुई है

नहीं पता था इतना रुलाओगे तुम
इबादत फिर मेरी नाकाम हुई है

क्या थी खता मेरी कुछ तो बोलो दोस्त
आंखे रो रो कर अश्कों का जाम हुई है

लिख दिया है हर साँस पर नाम तेरा
ये जिन्दगी मेरी तेरे ही नाम हुई है

छुपाना मुश्किल है मोहब्बत जमाने से
मेरी हालत तो दोस्त अब सरे आम हुई है

रोज चला आता हूँ तेरे दर पर
क्या दोस्त तू भी अब मुझसे परेशान हुई है
© Ravi