...

23 views

पिंकू
ना जाने मन क्यों मेरा फिर मचल उठा ?
तुम्हारी चाहतों में संवर उठा।
याद आयी फिर बीते जमाने की बातें तुम्हारी,
आंखों में नमी लिए दिल जल उठा।
मिलने की ख्वाईश जगी ऐसी कि,
सदियों से दबा अरमान आज न जाने क्यों संभल न सका।
हां मोहब्बत मुझे हुई थी ऐसी कि,
तुम्हारे ख्याल से ही तन ये मेरा खिल उठा।

Gillu❤️