...

7 views

चाहत के रूप
चाहत के रूप
*************

चाहत के बहुत से रूप देखे हैं हमने
रूपों में छुपे मुखोटे परखे हैं हमने
हर चाहत के पीछे कोई मतलब छुपा होता है
हर अपनेपन में कोई मकसद छुपा होता है
दर्द बहुत होता है पर छुपा लिया जाता है
ज़िंदगी जैसी भी मिले उसे जी लिया लिया जाता है
प्रेम के नाम पर धोखा दिया जाता है
भावनाओं को ठगा और छला जाता है
फ़िर बड़ी बेशर्मी से मुँह फेर लिया जाता है
प्रेम वही सच होता है जो निःस्वार्थ होता है
जो मन निष्कलंक होता है वही सच्चा प्रेम करता है
चाहे वह माता हो, पिता हो,संतान हो या प्रेमी हो,प्रमिका हो,पति हो,पत्नी हो
प्रेम को वही समझ सकता है जो समस्त सृष्टि के प्रति
दया,करुणा,ममता और प्रेम से भरा होता है
अन्यथा तो हर प्रेम बस एक धोखा और छलावा ही होता है....!
© Geeta Yadvendu