...

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इतनी तकलीफे पेश आती क्यु है?
होता है दिल जिसका साफ़,
जो होते है बिल्कुल सीधे साधे से,
आखिर उन्हे ही तकलीफें पेश आती क्यु है?
मैंने सोचा बहुत अपने अंतर्मन से कई सवाल भी किये,
मगर मुझे कोई जवाब ना मिली ,
फिर मैंने लोगो से पूछा किसी ने कहा
सब कर्मो का नतीजा है,
तो किसी ने कहा बेवकूफ़ लोगो को तकलीफे ज्यादा होती है,
कोई कुछ कहता तो कोई कुछ,
फिर मैंने अपने खुदा का सहारा लिया
जिसके पास हर सवाल का जवाब होता है,
मुझे भी मेरे सवाल का जवाब मिला,
रब अपने बंदो को तकलीफ देकर देखता है,
कि कौन करता है तकलीफ मे भी शूकर उनका ।
जैसे एक मटके को खरीदने से पहले,
अच्छी तरह टटोलते है की कही वो मटका बेकार ना हो ।
ठीक उसी तरह हमारा खुदा भी हमे अपने पास बुलाने से पहले देखता है,
मेरे बंदे कितने नफ़रमान है या मेरे फरमाबरदार है ।
जात धर्म के मामलों मे तुम खुद को ना उलझाओ,
हम है सभी एक इंसान जिसे भेजा है दुनिया मे खुदा ने अपनी इबादत के लिए,
तो बस तुम अपनी इबादत को इतना मजबूत बनाओ,
हो लाख तकलीफे फ़िर भी कभी किसी और के सामने अपने हाथ ना उठाओ।
उठे हमेशा मेरे हाथ सिर्फ खुदा से दुआ मांगने को,
क्युकी देता तो वही है सब कुछ ,
हम इंसान तो सिर्फ़ एक दूसरे के लिए जरिया बन जाते है ।
खुदा के साथ ना कर किसी को सरिक,
हम खुदा की सारी नेमतो को पाते है ।


written by आफरीन
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