इश्क मेरा
कुछ लम्हों तक था बेशुमार इश्क मेरा
अपने ही हाथों हुआ शिकार
कभी गलतफहमियां , कभी नाराजगी,कभी शक की दीवार हुआ इश्क मेरा
मै हर वक्त उसका खयाल करता रहा
पता नहीं किस लापरवाही से हुआ बीमार इश्क मेरा
शहर में मशहूर थे कई दवाखाने ,गाव के किसी वैद्य के पास हुआ बहाल इश्क मेरा
बहुत भाया मुझे आज अकेलापन,अपनो का ही तो साथ था इश्क मेरा
सोचता हूं तवील उम्र उसके इंतजार में गुजर दू ,
एक प्यारा सा एहसास था इश्क मेरा
वो किसी रोज मुझे प्यार से पुकार दे,
फिर हो जाए मालामाल इश्क मेरा
कोई जाकर उसे ये भी बताना कि कितना चाहता है आदि
कि लिखी है तेरे नाम गजल इश्क मेरा
अपने ही हाथों हुआ शिकार
कभी गलतफहमियां , कभी नाराजगी,कभी शक की दीवार हुआ इश्क मेरा
मै हर वक्त उसका खयाल करता रहा
पता नहीं किस लापरवाही से हुआ बीमार इश्क मेरा
शहर में मशहूर थे कई दवाखाने ,गाव के किसी वैद्य के पास हुआ बहाल इश्क मेरा
बहुत भाया मुझे आज अकेलापन,अपनो का ही तो साथ था इश्क मेरा
सोचता हूं तवील उम्र उसके इंतजार में गुजर दू ,
एक प्यारा सा एहसास था इश्क मेरा
वो किसी रोज मुझे प्यार से पुकार दे,
फिर हो जाए मालामाल इश्क मेरा
कोई जाकर उसे ये भी बताना कि कितना चाहता है आदि
कि लिखी है तेरे नाम गजल इश्क मेरा