ये प्यार है या है कुछ और
इक ओर बढ़ने लगा हूँ
तेरी ओर चलने लगा हूँ
मुख़्तलिफ़ रास्तों से चल कर
तुम से मिलने लगा हूँ
ये प्यार है या है कुछ और
सोचता हूँ , तुम्हे सोचता रहूँ
क़ैद नज़रों में करके...
तेरी ओर चलने लगा हूँ
मुख़्तलिफ़ रास्तों से चल कर
तुम से मिलने लगा हूँ
ये प्यार है या है कुछ और
सोचता हूँ , तुम्हे सोचता रहूँ
क़ैद नज़रों में करके...