दीवाने
किसी ने छेड़ा ही नहीं,
इस साज़ पर,सौ तराने थे,
किसी ने रोका ही नहीं,
रुकने को तो,सौ बहाने थे,
किसी ने पूछा...
इस साज़ पर,सौ तराने थे,
किसी ने रोका ही नहीं,
रुकने को तो,सौ बहाने थे,
किसी ने पूछा...