...

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*** नियति कुछ कहे रे***
#बिखर
निखर जाएगा समझौता कर ले,
बिखर जायेगा ना हठ कर बे;
शीशा कहा टिकता गिर कर रे,
मिट्टी में मिलना सच है सबका रे
उम्मीद का टूटना नसीब मे
प्रकृति का ताप प्रखर हे
प्रभु का नाम चिरंतन जाप कर ले...