...

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Nafarat
मुझसे नफरत की अजब राह निकाली उसने,
हसता हुआ मेरा दिल कर दिया खाली उसने।
मेरे घर की रिवायत से वो खूब था वाकिफ,
जुदाई मांग ली बन के सवाली उसने।

कभी उसने भी हमे चाहत का पैगाम लिखा था,
सब कुछ उसने अपना हमारे नाम लिखा था।
सुना है आज उसे हमारे जिक्र से भी नफरत है,
जिसने कभी अपने दिल पर हमारा नाम लिखा था।

चला जाऊँगा मैं धुंध के बादल की तरह,
देखते रह जाओगे मुझे पागल की तरह।
जब करते हो मुझसे इतनी नफरत तो क्यों,
सजाते हो आँखो में मुझे काजल की तरह।

प्यार में बेवाफाई मिले तो गम न करना,
अपनी आँखे किसी के लिए नम न करना।
वो चाहे लाख नफरते करें तुमसे,
पर तुम अपना प्यार कभी उसके लिए कम न...