तेरा दीदार करूँ
पास रहे चाहे दूर तू, बेइंतहा प्यार करूँ।
आँखें बंद हो चाहे मेरी, तेरा दीदार करूँ।।
ख़्वाबों को हक़ीक़त में तब्दील मैं करूँ।
फरेबी दिल से आँखों तक इकरार करूँ।।
ना रहा अपना वज़ूद, तू ही है मेरा माहरू।
चाँद भी शर्मा जाए जब वस्ल-ए-यार करूँ।।
महरूम ना रहना हमें, फ़ुरकत ना-गंवार करूँ।
छोड़ दे सारे आराइश, सादगी से स्वीकार करूँ।।
मोहब्बत की कशिश, सबकुछ बर्बाद करूँ।
ज़माने की ना सोचूँ, जी भर तेरा दीदार करूँ।।
#lopathewriter #writco
© LopaTheWriter
आँखें बंद हो चाहे मेरी, तेरा दीदार करूँ।।
ख़्वाबों को हक़ीक़त में तब्दील मैं करूँ।
फरेबी दिल से आँखों तक इकरार करूँ।।
ना रहा अपना वज़ूद, तू ही है मेरा माहरू।
चाँद भी शर्मा जाए जब वस्ल-ए-यार करूँ।।
महरूम ना रहना हमें, फ़ुरकत ना-गंवार करूँ।
छोड़ दे सारे आराइश, सादगी से स्वीकार करूँ।।
मोहब्बत की कशिश, सबकुछ बर्बाद करूँ।
ज़माने की ना सोचूँ, जी भर तेरा दीदार करूँ।।
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