कैसे सह जाते है लोग
कैसे सह जाते है लोग,जाने क्या मजबूरी रही होंगी।
सहते रहते है हर रोज,ताकत विरोध की नहीं होंगी।।
कैसे रह जाते है शांत, रोते फिर किस्मत का रोना।
अब लड़ाई खुद लड़नी है,हो गया जो भी था होना।।
डरना नहीं...
सहते रहते है हर रोज,ताकत विरोध की नहीं होंगी।।
कैसे रह जाते है शांत, रोते फिर किस्मत का रोना।
अब लड़ाई खुद लड़नी है,हो गया जो भी था होना।।
डरना नहीं...