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मैं और मेरा माधव
मैं और मेरा माधव
छोटी छोटी खुशियों को सहेज कर
खुशनुमा पल बना लेते हैं।
एक दूसरे की बातों पे मुस्कुराकर
दिल बहला लेते हैं।
शेरों शायरी और चुटकुलों से,
महफ़िल सजा लेते हैं।
किस्से कहानियों में दिन गुजार देते हैं।
परवाह नहीं हमें दुनिया की,
हम तो खुद को भी भुला देते हैं।
कुछ ऐसी लत लगी हमें कहानियों की
हम खुद भी किरदार निभा लेते हैं।
मैं और मेरा माधव
नहीं हम एक दूसरे से अलग
हम दोनों के चेहरे एक से
रंग रूप और गुण भी एक से
हम दोनों की पसंद भी एक सी
हम दोनों की बातें मिलती
यूं ही नहीं है वो मेरा लाडला
खूब समझता वो जिम्मेदारी अपनी
कभी-कभी चिंता भी करता
नहीं कोई उसके जैसा
माधव तो है गुरुर मेरा
थोड़ा थोड़ा है नकचढ़ा
थोड़ा-थोड़ा एक्टिंग भी करता
सारे जहां की बातें बताता
मेरे लिए कुछ भी कर जाता
कभी-कभी तो लगता
वो मेरे बचपन का सखा,
बॉक्सिंग सीखाता डांस दिखाता
जोक्स सुना कर मन बहलाता
लड़ता झगड़ता प्यार भी करता
रूठ जाऊं तो मुझे मानता
गले लगा कर प्यार जताता
मां मेरी तू कितनी सुंदर
कहकर मुझे बच्चों सा फुसलाता
कभी-कभी तो कहता
अब मैं बड़ा हो गया
अगले ही पल फिर कहता
मां "अभी तो हूं मैं नन्हा सा बच्चा"
चेहरा देख वो समझ जाता
अभी तो है मुझे डांट पड़ने वाला
गुस्सा हो जाऊं तो मुझे हंसाता
कोई परेशानी अगर हो उसे तो
सलाह मशवरा मुझ से करता
बिल्कुल एक दोस्त के जैसा
संग मेरे वो रहता...!!
मां बेटे का अनोखा रिश्ता
सारे जहां से होता निराला
नादान है .. हैं भोला भाला
दुनिया की चालाकियां से
नहीं उसका कोई नाता
थोड़ा नटखट थोड़ा है दीवाना
बचपने से भरा है उसका मन सयाना
दूर की सोचता,नजर मंजिल पे रखता
छोटी मोटी चुनौतियों से नहीं घबराता
डट कर सामना हर मुकाबले का करता
मां तू चिंता मत कर सब अच्छा ही होगा
देख तेरा माधव अब बड़ा हो गया...!!
समझदारों सी बातें करता
है सब से अलग बेटा मेरा
स्वयं को कृष्ण और
मुझे यशोदा कहता "
मेरी आंखों का तारा,मेरा राजदुलारा
जी चाहे तुझ पे बेटा ये सारी दुनिया लुटा दूं!
अपनी दुआओं से मैं तेरा रक्षा कवच बना दूं ..!!
किरण