...

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" बस यादों में रह जाना है "
मिलते हैं सफर में अनजाने,
क्यों उनसे दिल ये लगाना है,
कुछ रिश्ते बेनाम से निभाते,
क्यों उनमें उलझ हमें जाना है!

कल वो हैं कहाँ और हम हैं कहाँ,
कौन जाने क्या होगा यहाँ,
चलता तो रहेगा यूँ ही जहाँ,
पर बिछड़ एक दिन हमको जाना है!

बस यादों में रह जाना है,
सब खो के कुछ नहीं पाना है.....

बातें वो खट्टी-मीठी सी,
जो लगती थीं कुछ-कुछ अपनों सी,...