...

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खामोश इश्क़
"ग़ज़ल"

तेरा नाम लबों से न निकाल पाऊंगी,
तुझसे दूर जाऊँ तो खो न जाऊंगी।

मुझे इश्क है तुमसे बेइंतहा, बेपनाह,
मगर इज़हार मैं कर नहीं पाऊंगी।

दिल की हर एक बात को सीने में दबाए रखा,
तुमसे मिलने की ख्वाहिश में खुद को भुलाऊंगी।

आँखों में बसी हो तुम, और लबों पे तुम्हारा नाम,
मगर तुमसे कभी ये ना कह...