ख्वाबों की दुनिया
सोचा ख्वाबों की एक दुनिया बनाऊँ ,
और कुछ पल वहीं रह जाऊँ।
भर दूँ ढेरों रंगों को उसमें,
नदी किनारे घर...
और कुछ पल वहीं रह जाऊँ।
भर दूँ ढेरों रंगों को उसमें,
नदी किनारे घर...