...

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ख़बर



क्या ख़बर है तुम्हें की मैं किस हाल से गुजर रही हूँ,
कहते थे हमेशा की तुझसे बेइंतहा प्यार करता हूँ,
पर मेरी हालत को समझ ही नहीं पाये,
ग़र प्यार होता है सच्चा तो बिना बोले समझ जाते है,
पर तुम्हें तो मुझसे सिर्फ़ बदला लेना था,
जो मैं करूँ वही करना होता है,
मैं मेसेज करूँ तो तुम मेसेज करोगे,
मैं अगर ना करूँ तो तुम भी नहीं करोगे,
कहते थे तुम कि तेरा दीवाना हूँ,
पर ये कैसा दीवानापन है तुम्हारा,
मैं आज तक नहीं समझ पाई हूँ।
ख़बर बहुत खूब है तुम्हें मेरी हर बात की,
पर मेरे दिल की क्या हालत है उसकी ख़बर ही नहीं है।

निशा शेठ