एक स्त्री का कविता करना...
एक स्त्री का कविता करना
एक स्त्री...
कविता गढ़ने के लिए
एकांत नही ढूंढती
किसी जलाशय के तट जाकर
आत्ममंथन नही करती
पहाड़ों में जाकर
शब्द नही ढूंढती
कागज कलम लेकर
हरी भरी वादियों में नही बैठती
खुले अंबर के नीचे...
एक स्त्री...
कविता गढ़ने के लिए
एकांत नही ढूंढती
किसी जलाशय के तट जाकर
आत्ममंथन नही करती
पहाड़ों में जाकर
शब्द नही ढूंढती
कागज कलम लेकर
हरी भरी वादियों में नही बैठती
खुले अंबर के नीचे...