...

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जीवन एक सतत प्रवाह
जीवन एक सतत प्रवाह हैँ यहां हर चीज़ जो बनती वो बिगड़ती हैँ इसमें कुछ भी थिरता नहीं हैँ
हर चीज़ यहां परिवरतन शील हैँ
जो आज हरा हैँ वो कल पीला होकर झरेगा
जो जन्मा हैँ वो कल बूढ़ा होकर मरेगा
जो आज युवा हैँ वो कल थकेगा
हमने जवानी को बुडापे मे बदलते देखा
स्वस्थ को हमने रोग मे बदलतते देखा......जीवन एक पानी का बबूला हैँ
अब डूबा अभी डूबा