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#साझासपने
#साझासपने
तेरा मेरा इसका उसका, सबका सपना एक।
समय आ गया बैर भूलाकर हम हो जाएं एक।

कब तक जाति धर्म का पीटें ढोल, कोइ समझाए।
रंग-रूप का भेद छोड़कर,चलो एक हो जाएं।
लड़ते भिड़ते रहे आजतक, काम करें अब नेक
कडुवाहट की और खटास की अब दो लाठी फेंक।

तेरा मेरा इसका उसका, सबका सपना एक।
समय आ गया बैर भूलाकर हम हो जाएं एक।

क्या पंजाबी क्या गुजरती बंगाली मद्रासी।
अलग अलग हैं राज्य भले,पर हैं तो भारतवासी।
दिखते सारे अलग-अलग पर मन तो सबका एक
राज्य अलग हों बेशक़ लेकिन देश हमारा एक।

तेरा मेरा इसका उसका,...