हमे तुमसे प्यार कितना
हमे तुमसे प्यार कितना..
तुम ये कभी समझ न पाए ,
हर बार चेहरा ही देखा..
मन कभी पढ़ न पाए ।
कैसे करती मैं कुबूल इश्क़ को..
ज़माना बीच में था ,
शायद तुम्हें...
तुम ये कभी समझ न पाए ,
हर बार चेहरा ही देखा..
मन कभी पढ़ न पाए ।
कैसे करती मैं कुबूल इश्क़ को..
ज़माना बीच में था ,
शायद तुम्हें...