मेरे भारत को मेरा प्रणाम
जिस भूमि पर खुद अवतरण लेते हैं भगवान,
मुक्त कंठ से देवता भी करते हैं गौरव गान,
ऐसे भारत को मेरा प्रणाम।
सभ्यता और संस्कृति में है जो सबसे महान,
जहाँ गुरुओं की होती है पूजा, अतिथि का होता है सम्मान,
ऐसे भारत को मेरा प्रणाम।
नानक, कबीर ,रहीम ने किया इस धरती को पावन,
नवजीवन का संचार कर गए विवेकानंद और कलाम,
ऐसे भारत को मेरा प्रणाम।
घर घर होता है वीरों का वैभव गान,
आजाद...
मुक्त कंठ से देवता भी करते हैं गौरव गान,
ऐसे भारत को मेरा प्रणाम।
सभ्यता और संस्कृति में है जो सबसे महान,
जहाँ गुरुओं की होती है पूजा, अतिथि का होता है सम्मान,
ऐसे भारत को मेरा प्रणाम।
नानक, कबीर ,रहीम ने किया इस धरती को पावन,
नवजीवन का संचार कर गए विवेकानंद और कलाम,
ऐसे भारत को मेरा प्रणाम।
घर घर होता है वीरों का वैभव गान,
आजाद...