हौसला
दूर कही पर बैठा पंछी
ढूंढ रहा नित निज का ठिकाना
मिलता आसरा कुछ पल का ही
फिर से भटके...
ढूंढ रहा नित निज का ठिकाना
मिलता आसरा कुछ पल का ही
फिर से भटके...